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क्या आप जानते हैं हम हर पल खुदखुशी कर रहे हैं?

यह सुन के आप अचम्ब्भित भी हो सकते हैं कि हम अपने आप के ही कातिल बनते जा रहे हैं।

कभी जान बूझकर और कभी अनजाने में!

दरअसल आज की भागदौड़ वाली ज़िन्दगी में हम ऐसी आदतों का चयन करते हैं जो कि अक्सर जान लेवा ही साबित होती हैं।

हमारी आदतें हमारी ज़रूरतों की नहीं बल्कि वक्त की मोहताज होकर रह जाती हैं। हमारे ज़हन में ये आता ही नहीं कि हम जिन आदतों की दुहाई देते हैं, जिन्हे धन दौलत के तराज़ू में तौलते हैं, क्या वो स्वास्थय की कसौटी पे सही उतरती हैं? ऐसे में हम अपने शरीर पर ज़रूरत से ज़्यादा ज़ुल्म करने लगते हैं क्यूंकि हम खुद अपनी ही आदतों के परिणामों से अनभिज्ञ हैं।

आईए , हम आपको उन आदतों से परिचित कराते हैं जो कि आपके लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं, यकीन मानिए आप चौंक उठेंगे।

7 बुरी आदते जो हमे बेहतर ज़िन्दगी जीने से दूर ले जा रही है

1. हमें हिलना पसंद नहीं:

हम अपने दफ्तर और घर के कामों में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि व्यायाम या योग तो छोड़िये, हम सुबह की सैर से भी अपना पल्ला झाड़ने लगते हैं जो कि हमारे स्वस्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। और तो और बहुत सी महिलाएं घर के काम को ही व्यायाम समझने की गलती कर बैठती हैं। इससे हमारे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और शरीर की कोशिकाओं में विषैले पदार्थ इकठ्ठा हो जाते हैं। क्या आप जानते हैं ये पदार्थ हमारे शरीर में कैंसर पैदा करने के लिए काफी होते हैं?

2. हमें समय से सोना पसंद नहीं:

हम काम और ज़िम्मेदारियों को इतनी महत्ता देने लगते हैं कि शरीर तो केवल एक मशीन बन के रह जाता है। माना ज़िम्मेदारी निभाना ज़रूरी है पर क्या अपने स्वस्थ के प्रति हमारी कोई प्रतिबद्धता नहीं?

हम समय से सोते नहीं और फिर समय से उठते नहीं। इससे सिर्फ हमारी दिनचर्या खराब होती है बल्कि हम बीमार भी होते हैं। अगर नींद पूरी हो तो हम तनाव मुक्त नहीं हो पाते और ढेरों बिमारियों को न्योता दे बैठते हैं। Alzheimer’s Disease और multiple sclerosis ऐसी दो बीमारियां हैं जो की शरीर में नींद की कमी से उत्पन्न हो सकती हैं।

3. हम तो कुछ भी खा सकते हैं:

सही में? क्या हमारा पेट एक कुआँ हैं? ऊपर वाले ने तो नहीं बनाया था, पर हम इंसानों ने इसे कुएं जैसा ही बना दिया है। हमने आजकल junk food खाने का नया शौक़ जो पाल लिया है। junk का अंग्रेजी मतलब कबाड़ होता है, पता नहीं ये हम क्यों नहीं समझ पाते। इस कबाड़ को खाने से हमारे शरीर में भरपूर मात्रा में अम्ल पैदा होता है जो कि कैंसर को जन्म देने के लिए काफी है।

4. हम technology के slave बन गए हैं 

Technology से तो हमने ऐसे नाता जोड़ लिया है जैसे कि हमारी शादी हो चुकी है इन तकनीकों से. Smart phone हमारा भाई और laptop बहन बन चुके हैं और wi-fi से तो पति पत्नी का रिश्ता सा है।

यदि ये चले तो नींद ही गायब हो जाती है। अब जब तकनीक इतने करीब ही गयी है तो उसके दुष्परिणामों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। इन तकनीकों से हानिकारक तरंगों का निकास होता है जो कि हमें समय से पहले बूढ़ा, गंजा और शिथिल बना देती हैं। Electromagnetic waves हमारी genes में भी बदलाव लाने में सक्षम हैं।

5. हम पानी से ज़्यादा सोडा पदार्थ पीते हैं:

पानी का महत्व हमने कभी जाना ही नहीं। हम ये भूल चुके हैं की पानी से भरी नदियां ही हमारी प्यास बुझाएंगी, कि सोडा से भरी बोतलें। कोल्ड्ड्रिंक्स तो हम ऐसे पीते हैं जैसे की डॉक्टर ने ही बोला हो रोज़ पीने को। अब इससे निर्जलीकरण का डर तो हमेशा ही बना रहता है। निर्जलीकरण हमारे शरीर के लिए अत्यंत हानिकारक होता है। ये जान भी ले सकता है।

6. हम बहुत भावुक हैं:

वैसे तो ये अच्छी बात है, पर ज़रूरत से ज़्यादा भावुकता हमारे मानसिक विकास को कमज़ोर बनता है। लोग दूर भागते हैं ऐसे लोगों से। भावुक लोग चिंता, सुस्ती और डर से ग्रसित हो जाते हैं। ये शरीर और स्वास्थ्य दोनों के लिए ही बहुत हानिकारक है।

7.  हम खुद के ही डॉक्टर हैं:

डिग्री सही, हौंसला तो बहुत है। दवाईयां तो हम ऐसे खाते हैं, जैसे की चावल दाल। ज़रा सा दर्द हुआ नहीं, बस फांक ली एक बड़ी सी गोली। कभी ये सोचते भी नहीं कि इन गोलियों में कितने नुकसानदेह पदार्थ होते हैं जो कि हमें अंदर से खोखला कर देंगे। डॉक्टर से पूछे बिना हम दवाई खा के अभी का दर्द तो दूर कर लेते हैं पर इससे दूर के होने वाले दर्द और नुक्सान को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। इससे हमारा शरीर विषाक्तता से ग्रसित हो जाता है।

ऐसी ही तमाम आदतें और भी हैं जो कि हमें बीमार, बहुत बीमार करने में सक्षम हैं।

अब आपको इस बात का चुनाव करना है कि आप अपनी आदतों पर सवार हो कर किस ओर जाना चाहेंगे: स्वास्थ्य की ओर या उस अंधे गर्त में जहाँ जान होगी जहान।

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This post was last modified on January 30, 2017 5:26 pm

niyati02:

View Comments (9)

  • Kafi Acha artical likha hai apne heading pad kar mai kafi chakit huwa aur jan kar pareshan bhi ho gaya hum wakai har pal khudkhushi hi to kar rahe hai sukriya ache post ke liye

  • Success paneke chakkr me hum jina bhul gye he,Taste ke chakkr me hum ghrka khana bhul gye he,Technology ke chakkr me hum family ko bhul gye he,hume akant me bethkar yah sochna chahiye ki hum apne jivan me kyaa kyaa bhul gye he or in sbko yaad kar hume use apne jivnme vapis laana chahiye or apni glt aadto ko chhodkar sahi aadto kaa chunav krna chahiye uske baad hi hum apna jivan happily or smsyaao se mukt ji shakte he

  • बहुत बढ़िया जानकरी दिया अपने, मेरे साथ ऐसा ही कुछ होता है| मै Facebook, Insta, Twitter, Game के चक्कर में पूरी रात जगाता हूँ, जिसके वजह से मेरे आँखों के नीचे काले पड़ गए है|

  • Bahut hi achhi jankari hai.
    Facebook, whatsapp, utube, internet in sab ko ham ek tools ki tarah estemal karna chahiye, jo hamare life se related ho usi ka istemal kare

  • sir bloging ke sath sath life ke bare me jankari dene k liye thanks ...
    really health is wealth ..present generation ke log zyda aram sachte h ..body ko thora v exercise nhi karte..isliye jld hi bimar ka sikar hote h..hmlog ko body exercise ke sath sath acha food habits v karna sahiye..tavi ache lifestyle mil payega...

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